Beautiful incident of Ramayana, don't speak big words//रामायण का सुन्दर प्रसंग बड़े बोल ना बोले

Beautiful incident of Ramayana, don't speak big words//रामायण का सुन्दर प्रसंग बड़े बोल ना बोले

Gujrat
0

Beautiful incident of Ramayana, don't speak big words//रामायण का सुन्दर प्रसंग बड़े बोल ना बोले

रामायण का सुन्दर प्रसंग बड़े बोल ना बोले

  • रामायण में रावण ने घोर तप किया और ब्रह्माजी को प्रसन्न कर लिया.. ब्रह्मा जी रावण को वरदान देने के लिए प्रकट हुए.. रावण ने वरदान मांगा, 'मुझे वर दीजिए कि किसी के हाथो मेरी मृत्यु न हो.. ये बात सुनकर ब्रह्मा जी चिंतित हो गए.. एक तो रावण दुष्ट है और ऊपर से ऐसा वरदान मांग रहा है.. ब्रह्मा जी ने रावण को समझाया, 'जिसने जन्म लिया है, उसकी मृत्यु अवश्य होगी.. यही विधान है.. 'रावण अड़ गया और बोला, नियम मैं नहीं जानता.. मुझे तो यही आशीर्वाद देना पड़ेगा.. ब्रह्माजी सोचने लगे कि अब क्या किया जाए..? उन्होने देवी सरस्वती से प्रार्थना की कि कुछ तो मदद करिए.. इसकी बुद्धि,  फेरिये। .... 

.. कुछ देर बाद ही रावण ने कहा, 'ठीक है, मुझे वर दीजिए कि मनुष्य और बंदरो को छोड़कर मुझे कोई मार न सके.. 


  • 'ब्रह्मा जी ने तुरंत तथास्तु कह दिया.. रावण ने सोचा था कि मनुष्य और बंदर तो मेरा भोजन है.. ये क्या मुझे मारेंगे.. उसने कल्पना भी नहीं की थी कि कभी कोई इंसान बंदरो के साथ उसकी मौत का कारण बन जाएगा.

सीख इस कहानी की सीख

  1. . सीख इस कहानी की सीख यह है कि जब भी कोई बड़ी सफलता मिले तो हमे अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए  कभी-कभी अहंकार में ऐसी बड़ी बाते बोल दी जाती है.. जो भविष्य में हमारे लिए ही नुकसानदायक हो सकती है 

ગુજરાત ધાર્મિક ગ્રુપ જોડાઓ 👏

અહીંયા ક્લીક કરી જોડાઓ 

ધાર્મિક ચેનલ સાથે જોડાઓ 👏

અહીંયા ક્લીક કરી જોડાઓ 

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !