રામ રાજ્ય

રામ રાજ્ય

Gujrat
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सोमपुरा परिवार द्वारा तैयार किया गया था।सोमपुर कम से कम 15 पीढ़ियों से दुनिया भर के 100 से अधिक मंदिरों के मंदिर के डिजाइन का हिस्सा रहा है।] राम मंदिर के लिए एक नया डिज़ाइन, मूल डिज़ाइन से कुछ बदलावों के साथ, 2020 में सोमपुरवासियों द्वारा तैयार किया गया था। मंदिर 235 फीट चौड़ा, 360 फीट लंबा और 161 फीट ऊंचा होगा। मंदिर के मुख्य वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा के साथ उनके दो बेटे निखिल सोमपुरा और आशीष सोमपुरा भी हैं, जो आर्किटेक्ट भी हैं। सोमपुरा परिवार ने राम मंदिर को 'नागरा' शैली की वास्तुकला के बाद बनाया है, जो भारतीय मंदिर वास्तुकला के प्रकारों में से एक है।

मंदिर परिसर में एक प्रार्थना कक्ष होगा, "एक रामकथा कुंज (व्याख्यान कक्ष), एक वैदिक पाठशाला (शैक्षिक सुविधा), एक संत निवास (संत निवास) और एक यति निवास (आगंतुकों के लिए छात्रावास)" और संग्रहालय और अन्य सुविधाएं जैसे एक कैफेटेरिया।एक बार पूरा होने के बाद मंदिर परिसर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर होगा। प्रस्तावित मंदिर का एक मॉडल 2019 में प्रयाग कुंभ मेले के दौरान प्रदर्शित किया गया था।

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पीढ़ियां की पीढ़ियां बीत गईं लेकिन राम राज्य के प्रति भारत की जनता का आकर्षण आज भी मौजूद है... आज भी राजनीति में सफलता पाने के लिए हर कोई राम राज्य की माला जपता है लेकिन आखिर ये राम राज्य है क्या ? आखिर राम राज्य कैसा था ?




- गोस्वामी श्री तुलसी दास जी ने श्रीरामचरितमानस के उत्तरकांड में लिखा...


राम राज बैठें त्रैलोका। 

हरषित भए गए सब सोका।।

मतलब... श्रीरामचन्द्रजी के राज्य पर प्रतिष्ठित होने पर तीनों लोकों में प्रसन्नता छा गई  





- बयरु न कर काहू सन कोई। 

राम प्रताप बिषमता सोई।।।।

इसका अर्थ है... सबके सारे शोक जाते रहे और किसी से किसी की कोई दुश्मनी नहीं रही ।


- दैहिक दैविक भौतिक तापा। 

राम राज नहिं काहुहि ब्यापा।।

मतलब... राम-राज्य में दैहिक ताप यानी शारिरिक कष्ट, दैविक ताप यानी दैवीय आपदाएं... जैसे भूकंप... बाढ़ और भौतिक ताप यानी बाहरी कारणों से होने वाले दुख किसी को नहीं रहे


- अल्पमृत्यु नहिं कवनिउ पीरा। 

सब सुंदर सब बिरुज सरीरा।।

यानी कम उम्र में किसी की मृत्यु नहीं होती और ना किसी को कोई पीड़ा होती है। सभी के शरीर सुंदर और निरोग हैं । 





- राम राज कर सुख संपदा । 

बरनि न सकइ फनीस सारदा।।

मतलब... रामराज्य की सुख सम्पत्ति इतनी ज्यादा है कि इसका वर्णन शेषजी और मां सरस्वती जी भी नहीं कर सकती हैं ।


- रामचरित मानस के उत्तरकांड में रामराज्य की व्याख्या करते हुए गोस्वामी तुलसी दास जी ने करीब 20 चौपाइयां लिखी हैं जिनके मुताबिक 


- राम राज्य में कोई सपने में भी पाप नहीं करता


- पाप नहीं करता इसलिए किसी तरह की सजा का प्रावधान भी नहीं है


- कभी सूखा नहीं पड़ता है


- समुद्र भी कभी मर्यादा नहीं लांघता 


- समुद्र में कोई तूफान नहीं आता


कभी प्राकृतिक आपदा नहीं आती है


- नदियों का पानी हमेशा साफ और स्वादिष्ट रहता है और पानी उतना ही बरसता है जितना जरूरत है


- ये राम राज्य के बारे में गोस्वामी तुलसी दास की लिखी हुई प्रमुख बातें हैं आप अपने बच्चों को ये लेख जरूर पढ़वाइए ताकी वो भी अपनी संस्कृति और धर्म के बारे में जान सकें

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